कौन हैं Tokyo 2021 Paralympics में इतिहास बनाने वालीं भारतीय खिलाड़ी भाविना पटेल?
भाविना पटेल Tokyo 2021 Paralympics के फाइनल्स में जगह बना कर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वालीं भारत की पहली Table Tennis खिलाड़ी बन गयीं हैं। 34 वर्षीय भाविना ने वर्ल्ड रैंकिंग 3 चीनी खिलाड़ी मियो झांग को 3-2 से हरा दिया और देश के लिए सिल्वर मैडल पक्का कर दिया।
क्लास 4 सेमीफाइनल्स में उन्होंने मियो झाओ को 7-11, 11- 7 ,11-4,9-11 11-8 से हरा दिया। इसके पहले उन्होंने ने क्वार्टर फाइनल्स में सर्बिआ की चैंपियन खिलाड़ी बोरिसलवा को मात्र 18 मीनट में मात देकर इतिहास बनाया था ।
गुजरात की भाविना पटेल 1 साल की उम्र में ही पोलियो का शिकार हो गयी थी। भाविना का यह शानदार प्रदर्शन साबित करता है। इस दुनिया में कोई भी चीज इंपॉसिबल नहीं है। आपकी मेहनत और कर्मठता आपको उस मुकाम पर ले जाती है जिसको लोग इंपॉसिबल कहते हैं ।
भाविना ने मैच के बाद कहा कि वह अपने आप को कभी डिसेबल्ड मानती ही नहीं है। और सब कुछ लिखने के लिए हमेशा कॉन्फिडेंट रहती हैं।
गरीबी और पोलियो से लड़ते हुए भाविना का यहाँ तक का सफर बहुत मुश्किल रहा। तो आइए जानते हैं भाविना पटेल Tokyo 2021 Paralympics के कठिनाईयों भरे सफर सफर की जिसने आज करोड़ो भारतियों का सीना गर्व से ऊंचा किया है।
भाविना पटेल का जन्म और शुरूआती जीवन
भाविना को शुरुआती जीवन में काफी मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। भावना पटेल का जन्म 6 नवंबर 1986 को गुजरात के मेहसाणा जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ।
बहुत छोटी उम्र में ही भाविना पोलियो ग्रसित हो गई । चूकि परिवार की आय बहुत ज्यादा नहीं थी इसलिए अच्छे से इलाज नहीं हो पाया। उन्होंने अपनी स्कूलिंग गांव के ही एक स्कूल से पूरी की।
इन सब परिस्थितियों से जूझते हुए उन्होंने हार नहीं मानी और व्हीलचेयर पर बैठकर टेबल टेनिस खेलने की शुरुआत की और धीरे-धीरे इसमें कैरियर बनाने में सफल रही ।
उन्होंने कोच ललन दोषी से प्रशिक्षण लेना शुरू किया और 3 साल के कड़ी मेहनत के बाद राष्ट्रीय टेबल टेनिस स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक जीता। ललन दोषी भाविना के वर्तमान कोच भी हैं।
भाविना पटेल का टेबल टेनिस कैरियर और उपलब्धियां।
भावीना लगभग 10 सालों से प्रभावी रूप से टेबल टेनिस खेलते आ रही हैं और इस दौरान उन्होंने बहुत सारे मेडल्स अपने देश के नाम किए हैं जिनमें अब एक पैरालंपिक मेडल भी जुड़ने वाला है ।
भाविना द्वारा हासिल की गई कुछ विशेष उपलब्धियां
- 2011 भाविना ने थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और विश्व नंबर दो की रैंकिंग हासिल की
- 2013 में आइटीटीएफ पीटीटी एशियाई टेटे क्षेत्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और ऐसा करने वाली भारत की पहली पैरा टेबल टेनिस एथलीट बनी ।
- 2017 चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
भाविना पटेल Tokyo 2021 Paralympics फाइनल में
शानदार प्रदर्शन करते हुए भाविना अब तो क्यों पैरालंपिक फाइनल में प्रवेश कर चुकी हैं। वे रविवार 29 अगस्त को गोल्ड मेडल के लिए फाइनल मैच में में चीन की यिंग झाओ से भिड़ेंगी।
सेमीफाइनल मैच में भाविना को चीनी खिलाड़ी से कड़ी टक्कर मिली। पहला मैच 7-11 से हारने के बाद भाविना ने वापसी करी और 2 लगातार मैच जीती। इसके बाद चीनी खिलाड़ी झांग चौथा गेम जीती। पाचवे मैच में कड़ी टक्कर देते हुए भाविना ने यह मैच 11-8 से अपने नाम किया।
अब सबकी नजरें भाविना के फाइनल मैच पर हैं और सबको उम्मीद है भाविना देश के लिए स्वर्ण पदक जीत कर लायेंगी।
नरेंद्र मोदी ने भाविना पटेल को दी बधाई
भाविना के इस ऐतिहासिक जीत पर हर कोई खुश है ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर भाविना को बधाई देते हुए कहा की ” बधाई भाविना पटेल! आपने बेहतरीन खेला।
पूरा देश आपकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहा है और कल आपके लिए जयकार करेगा। अपना सर्वश्रेष्ठ दें और बिना किसी दबाव के खेलें। आपकी उपलब्धियां पूरे देश को प्रेरणा देती हैं।
Tokyo 2021 Paralympics पर एक नजर
Tokyo 2021 Paralympics का आयोजन जापान की टोक्यो में 24 अगस्त से 5 सितंबर तक किया जा रहा है। भारत ने इस बार अभी तक का सबसे बड़ा 54 खिलाड़ियों का कंटिजेंट भेजा है जिसमें 40 पुरुष खिलाड़ी और 14 महिला खिलाड़ी शामिल हैं।
उम्मीद है टोक्यो ओलंपिक 2021 की तरह इसमें भी हमारे खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और देश का नाम गौरवान्वित करेंगे| और भाविना पटेल Tokyo 2021 Paralympics में जीत के झंडे गाड़ कर आयेंगी ऐसा उम्मीद लगाया जा रहा।
आप भाविना पटेल की इस ऐतिहासिक जीत के लिए क्या कहना चाहेंगे हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
QUESTIONS
भाविना पटेल Tokyo 2021 Paralympics की पहली Table Tennis खिलाड़ी बन गयीं हैं। इनका जन्म भावना पटेल का जन्म 6 नवंबर 1986 को गुजरात के मेहसाणा जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ।