Sumit Antil भारत के जेवलिन थ्रोअर हैं और F64 केटेगरी में खेलते हैं । Sumit Antil ने Tokyo 2020 Paralympics में स्वर्ण पदक अपने देश के नाम करते हुए इतिहास बनाया है।
ऐसा करते हुए सुमित ने फाइनल में 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड एक के बाद के बाद एक बनाया । और 68.55 मीटर के नए विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
Tokyo 2020 में भारत की तरफ से वे गोल्ड जितने वाले अवनि लेखरा के बाद दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। और पैरालिम्पिक्स के इतिहास में भारत की तरफ से पांचवे ऐसे खिलाड़ी बने हैं जिन्होंने ये कीर्तिमान बनाया है।
इसके पहले मुरली पेटकर, देवेंद्र झाझरीया,मरियप्पन थांगवेलु और हाल ही में 19 वर्षीय अवनि लेखरा भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
आपको बता दें कि स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा और सुमित बहुत अच्छे दोस्त हैं। इस जीत के बाद नीरज ने सुमित को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा “ख़तरनाक performance भाई सुमित proud of you”
तो आईये इस पोस्ट Sumit Antil Biography में सुमित के जीवन के कुछ किस्से जानते हैं ।
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Sumit Antil Biography (जीवन परिचय)
नाम | सुमित अंतिल |
जन्म | 7 जून 1998 |
जन्म स्थान | सोनीपत,हरियाणा |
खेल | भाला फेक ( Javelin Thrower) , F64 कैटेगरी |
उम्र | 23 वर्ष |
हाइट | 5 फीट 10 इंच |
पर्सनल बेस्ट | 68.55 मीटर (30 अगस्त 2020,टोक्यो 2020) |
कोच | राजकुमार,नितिन जायसवाल |
17 साल की उम्र में खो दिया था एक पैर
2015 में हुई एक सड़क दुर्घटना ने सुमित से एक पैर छीन लिया। शाम को ट्यूशन से वापस आते वक्त एक ट्रैक्टर से उनकी बाइक से टक्कर हो गयी जिसके बाद उनकी एक पैर बुरी तरह घायल हो गया और उसको काटना पड़ा।
मात्र 6 साल पहले हुयी इस एक्सीडेंट ने सुमित और उनके परिवार को झकझोर कर रख दिया। लेकिन सुमित ने अपने जज्बे को कम नहीं हीने दिया।
मेहनत और लगन के साथ अपने सपने को हासिल करने निकल पड़े। और 6 साल बाद 2021 में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपने देश और परिवार का नाम ऊँचा किया है।
Sumit Antil का खेल करियर
आज हम सुमित को एक जेवलिन थ्रोअर के रूप में जानते हैं । लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि सुमित को कुश्ती बहुत पसंद था। और वो कुश्ती में भारत का नाम रोशन करना चाहते थे।
इसके लिए वो कुश्ती के एक अखाड़े में अभ्यास भी करते थे। लेकिन 2015 के दुर्घटना के बाद इनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया। उनके कोच राजकुमार ने उनको पैरा एथेलेटिक्स से अवगत कराया और इसमें करियर बनाने की राय दी।
2017 से सुमित ने नितिन जायसवाल के साथ प्रोफेशन ट्रेनिंग करनी चालू की। और धीरे धीरे इस खेल में अपनी प्रतिभा से रास्ट्रीय स्तर पर मेडल जितने लगे।
पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2019 इटली के पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में विश्व रिकॉर्ड तोड़ते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया । और 2019 दुबई में एक बार फिर से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए, वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया ।
इन सभी उपलब्धियों ने सुमित के करियर को एक नयी उचाई दी । और 30 अगस्त 2021 को सुमित ने टोक्यो 2020 में गोल्ड मेडल अपने नाम करते हुए इतिहास लिख दिया। तो Sumit Antil Biography में हमने देखा की कैसे वो गोल्ड मेडल जीते।
इंडियन आर्मी में जाना चाहते थे सुमित अंतिल
इस जीत के बाद सुमित ने कहा कि ” स्वर्ण पदक से खुश हूं लेकिन भारतीय सेना में शामिल होना था सपना’ !!
आपको बता दें कि सुमित का सपना स्पोर्ट्स कोटा द्वारा आर्मी ज्वाइन करना था । जिसके लिए वो एक अखाड़े में कुश्ती भी सिख रहे थे। लेकिन 2015 में हुई रोड दुर्घटना ने उनसे उनका एक पैर छीन लिया और उनका आर्मी में जाने का सपना टूट गया।
Sumit Antil Biography Related Questions
sumit antil के village का नाम खेवडा है, जो की सोनीपत हरियाणा में पड़ता है ।
सुमित का एक पैर नहीं है । 2015 में हुई एक सड़क दुर्घटना ने सुमित से एक पैर छीन लिया। एक ट्रैक्टर से उनकी बाइक की टक्कर हो गयी जिसके बाद उनकी एक पैर बुरी तरह घायल हो गया और उसको काटना पड़ा।
सुमित ने अपनी collage की पढ़ाई Ramaj collage , Delhi university दिल्ली से की है।
सुमित की birth place खेवडा है। यह हरियाणा के सोनीपत राज्य में पड़ता है । यही पर इनका जन्म हुआ ।
Sumit Antil ने Tokyo 2020 Paralympics में स्वर्ण पदक अपने देश के नाम करते हुए इतिहास बनाया है।