Topics : Block chain kya hai , ब्लॉकचेन क्या है, Blockchain technology meaning in hindi, Blockchain technology in hindi
ब्लॉकचेन क्या है : अगर आप आधुनिक टेक्नोलॉजी संबंधी विषयों के रुचि रखते तो आपने Cryptocurrency, Bitcoin, NFT, Etherium जैसे शब्दों का नाम कही ना कही जरूर सुना होगा । यह ऐसे कुछ शब्द हैं जिनका इस्तेमाल पिछले कुछ दिनों में बहुत हो रहा है । यहाँ तक कि कॉलिंस डिक्शनरी ने NFT को 2021 में वर्ड ऑफ द ईयर भी घोषित कर दिया है जो कि इसके लोकप्रियता को दर्शाता है ।
इसके अलावा Bitcoin, Etherium जैसे cryptocurrency में invest करने के लिए कई सारे नए apps और softwares मार्केट में आ गए हैं जिनका इस्तेमाल लोग खूब कर रहे हैं । आपको बता दे कि इन cryptocurrencies का मूल्य नार्मल करेंसी से कहीं ज़्यादा अधिक होता है और यह काफी सुरक्षित भी होता है ।
लेकिन क्या आपको पता है इन सारे cryptocurrencies के पीछे एक ऐसे टेक्नोलॉजी का नाम है जो इन्हें इतना अलग और सुरक्षित बनाती है और वह है Blockchain Technology. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी काफी ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक है जिसका इस्तेमाल कर के ही bitcoin जैसे cryptocurrencies बनाये गए हैं ।
लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बस यही तक सिमीत नही है बल्कि इसका इस्तेमाल और कई जगहों पर किया जाता है और आने वाले समय मे यह टेक्नोलॉजी हमारे आसपास होने वाले सभी छोटे बड़े कार्यो में दिख सकती है । चूकिं ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आने वाले समय के लिए बहुत जरूरी है इसलिये आपको भी इसके बारे में सटीक और सम्पूर्ण जानकारी होना जरूरी है जो कि हम इस आर्टिकल में लेकर आये हैं । ब्लॉकचैन क्या है,यह काम कैसे करता है और इसका फायदा क्या हैं इन सारे विषयों पर हम आज विस्तार से बात करने वाले हैं ।
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ब्लॉकचेन क्या है ( What is blockchain in hindi)
Blockchain एक खास तरह का database होता है जिसमे data को एक ब्लॉक में store किया जाता है और बहुत सारे ब्लॉक्स मिलकर एक सुरक्षित chain बनाते हैं जिन्हें हम Blockchain कहते हैं । ब्लॉकचेन में Store हो रहे डाटा को decentralized कर दिया जाता है जिससे किसी एक व्यक्ति या संगठन के पास इसका अधिकार नही रह जाता है । आईये Blockchain को आसान भाषा में समझते हैं।
आप सबने दुकान में बही खाता तो देखा होगा जिसे इंग्लिश में ledger भी कहते हैं । बही खाता भी एक तरह का Database होता है जिसमें दुकान के अलग अलग records लिखे होते हैं । ठीक उसी तरह ब्लॉकचेन भी एक Digital बही खाता है जिसमे अलग अलग record ब्लॉक्स के रूप में व्यवस्थित होते हैं । जब एक ब्लॉक किसी डाटा से भर जाता है तो वह ब्लॉक दूसरे ब्लॉक के साथ जुड़ जाता है और इस तरह से यह एक चैन बन जाता है ।
चूकिं Blockchain एक decentralized तकनीक है जिसमे Data का अधिकार किसी एक के पास नही होता या यूं कहें किसी एक सर्वर पर नही होता इसलिए उस Data के साथ छेड़ छाड़ करना या उसे बदलना लगभग impossible है । इसके उलट अगर हमारा Data किसी एक सर्वर या system में स्टोर है तो System पर जिसका अधिकार होगा वो आसानी उस Data को Access कर सकता है ।
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Blockchain काम कैसे करता है ?
जैसा कि हमने ऊपर जाना कि ब्लॉकचेन एक खास तरह का database होता है जिसमे कई सारे information ब्लॉक्स के रूप में स्टोर होते हैं और एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं । आईये यह ब्लॉकचेन के mechanism को थोड़ा और विस्तार में जानते हैं ।
ब्लॉकचेन एक तरह का distributed ledger होता है या यूं कहें एक ऐसा खाता जिसको कई कंप्यूटर्स मिल कर बनाते हैं। इन कंप्यूटर्स को हम nodes भी कह सकते हैं जिनका काम इस खाता में data को store करना होता है । ब्लॉकचेन में data को blocks के रूप में स्टोर किया जाता है और जब एक ब्लॉक किसी डाटा से भर जाता है तो वह दूसरे ब्लॉक से जाकर जुड़ जाता है जिससे एक सुरक्षित चैन का निर्माण होता है । एक ब्लॉक में मूल रूप तीन तरह की चीज़ें शामिल होती हैं ;
पहला – Information
दूसरा – Hash
तीसरा – पिछले ब्लॉक का hash
जब भी ब्लॉकचेन में किसी एक ब्लॉक का निर्माण होता है तो उसमे कुछ information स्टोर होते हैं जैसे bitcoin के लिए उससे related कुछ information । इसके बाद एक Hash का निर्माण होता है जो कि हर ब्लॉक के लिए एक unique नम्बर होता है जैसे कि हमारा आधार कार्ड नम्बर । इसके बाद जब यह ब्लॉक भर जाता है और किसी दूसरे ब्लॉक के साथ जुड़ता है तो उस ब्लॉक में भी एक नया hash बनता है और साथ ही पिछले ब्लॉक का भी hash दर्ज हो जाता है । और इसमें सबसे पहला ब्लॉक जो किसी भी पहले ब्लॉक का hash स्टोर नही कर रहा उसे हम Genesis Block भी कहते हैं ।
चूंकि ब्लॉकचेन में information अलग-अलग ब्लॉक में store रहते हैं और हर ब्लॉक का एक अलग hash code होता है साथ ही हर ब्लॉक में पहले वाले ब्लॉक का hash code स्टोर रहता है इसलिए इन ब्लॉक्स में किसी data के साथ छेड़छाड़ कर पाना नामुनकिन होता है ।
Blockchain के Components
Blockchain मुख्य रूप से तीन चीज़ों से मिलकर बना होता है ;
- Blocks : Block ब्लॉकचेन का मुख्य भाग होता है जिससे मिलकर एक ब्लॉकचेन का निर्माण होता हूं । Block भी चीज़ों से मिलकर बने होते हैं
- Data : यहाँ उस प्रकार का डाटा स्टोर होगा जिस तरह का एक ब्लॉकचेन होगा जैसे कि अगर वह एक bitcoin का ब्लॉकचेन है तो आज bitcoin से related डाटा स्टोर होगा जैसे की transaction details.
- Hash : hash एक 256bit का नम्बर होता जो उस block को encrypted करने में मदद करता है । hash ब्लॉक के साथ automatically बन जाता है और block में स्टोर हो जाता है ।
- Previous Hash : जब एक ब्लॉक दूसरे ब्लॉक के साथ जुड़ता है तब पहले ब्लॉक का hash दूसरे ब्लॉक में भी स्टोर हो जाता है जिसे हम previous block कहते हैं ।
- Miners : Miners का काम ब्लॉकचेन मे नया ब्लॉक जोड़ना होता है जो कि बिल्कुक आसान नही होता । जैसा कि आप जानते ब्लॉकचेन में हर एक ब्लॉक का एक unique hash नम्बर होता है और वो हर ब्लॉक में previous ब्लॉक का hash भी दर्ज रहता और इसलिए एक नया hash generate करना इतना आसान नही है । यह एक बहुत ही complex work होता है जिसके लिए लोग अलग अलग softwares का इस्तेमाल करते हैं । Bitcoin में जब कोई mining कर एक एक नया ब्लॉक जोड़ने में सफल हो जाता है तो एक नया bitcoin generate हो जाता है ।
- Nodes : ब्लॉकचेन की एक सबसे बड़ी खासियत है उसका decentralized होना । ब्लॉकचेन एक ऐसा चैन है जिसपर किसी एक व्यक्ति या संगठन का अधिकार नही है बल्कि यह एक distributed ledger होता है जो nodes के बीच बंटा होता है । Node किसी भी प्रकार का एक डिवाइस हो सकता है जिसकी मदद से उस ब्लॉकचेन से जुड़ा जा सके। हर नोड के ब्लॉकचेन का एक कॉपी मौजूद होता है और जब भी ब्लॉकचेन में कोई चेंज करना हो या कोई नया ब्लॉक जोड़ना हो तो सारे nodes से अनुमति लेनी होती है । सारे nodes द्वारा verify और approve होने के बाद जी एक mined block ब्लॉकचेन में जुड़ पाता है।
Blockchain का इतिहास
वैसे तो 1980 के बाद से ही ब्लॉकचेन जैसे टेक्नोलॉजी का प्रस्ताव रखा जा रहा था लेकिन 2008 में एक व्यक्ति Satoshi Nakamoto ने इस टेक्नोलॉजी को दुनिया के सामने लाया और Bitcoin: A peer to peer electronic cash system नाम का एक रिपोर्ट पब्लिश किया । जिसके बाद 2009 में पहली बार blockchain technology के आधार पर पहली बार bitcoin transaction किया गया ।
Satoshi Nakamoto का उद्देश्य एक ऐसा system बनाना था जिसमे लोगो के उनके पैसो और उसके आदान प्रदान पर पूरा कंट्रोल हो ना कि किसी दूसरे संगठन या किसी सरकार का । आपको जानकर हैरानी होगी कि Bitcoin Blockchain की जो फ़ाइल है जहां पर इसके Transactions का रिकॉर्ड रखा जाता है उसका साइज 2020 में 200gigabyte हो चुका है जिसका साइज 2014 में केवल 20 gigabyte था । मतलब केवल 6 सालों में 10 गुना ज्यादा । इससे आप इसके लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकते हैं।
Blockchain Technology के फायदे
Security
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की एक सबसे बड़ी खासियत है इसकी security. जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया कि एक ब्लॉकचेन में इस्तेमाल होने वाले वाले हर एक ब्लॉक का एक unique hash code होता है और हर एक ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े होते हैं ऐसे में अगर कोई हैकर किसी एक ब्लॉक का डेटा manipulate करना चाहे तो वह तुरंत पकड़ा जाता है। क्योंकि किसी भी एक ब्लॉक का hash code चेंज होते ही बाकी सारे ब्लॉक का hash code invalid हो जाएगा।
Decentralized system
Blockchain पूरी तरह से Decentralized system पर आधारित है । decentralized मतलब इसका किसी भी एक व्यक्ति या संगठन पर अधिकार नही होता बल्कि उस चैन से जुड़े हर व्यक्ति का इस पर अधिकार होता है । उदाहरण कर तौर पर हमारे देश के रुपया का पूरा कंट्रोल Reserve bank of india ( RBI ) जो जब चाहे इसे बदल सकती है और बंद भी कर सकती है जैसे कि 2016 में 1000 और 500 के पुराने नोटों को बंद कर दिया गया । लेकिन ब्लॉकचेन में ऐसा नही होता है ; ऐसी कोई भी एक संगठन नही है जिसका कंट्रोल ब्लॉकचेन पर हो ।
Peer to Peer Network
Peer to peer (P2P) एक ऐसा Decentralized नेटवर्क होता है जिसके जरिये दो लोग बिना किसी थर्ड पार्टी के interact कर सकते हैं । उदाहरण के तौर पर जब आपको कोई transaction करना होता है तो आपको अपने बैंक की जरूरत पड़ती है लेकिन अगर आपके बैंक से सर्वर डाउन है तो आपका transaction फेल हो जाएगा । इसका मतलब आप इस काम के लिए अपने बैंक पर निर्भर हैं और बैंक आपके लेन देन को कंट्रोल कर रही है ना कि आप । लेकिन ब्लॉकचेन तकनीक में आपको बैंक जैसे किसी बिचौलिये की जरूरत नही पडती बल्कि आप directly किसी और के साथ transaction कर सकते हैं ।
Blockchain कितना सुरक्षित है
ब्लॉकचेन को अभी तक के सबसे सुरक्षित तकनीकों में से एक माना जा रहा है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को सुरक्षित करने के लिए मूल रूप से तीन security layers काम करती हैं जो इस प्रकार से हैं :
Cryptography : ब्लॉकचेन के हर एक ब्लॉक का एक unique hash code होता है और सारे ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े होते हैं ऐसे में अगर कोई किसी एक ब्लॉक में छेड़छाड़ करना चाहे तो वह तुरंत पकड़ा जाता है ।
Decentralized : decentralized होने में कारण ब्लॉकचेन की security और भी मजबूत हो जाती है । क्योंकि कोई एक ऐसा सिंगल server नही होता है जिसपर हैकर्स attack कर सके।
Consensus : ब्लॉकचेन एक consensus मॉडल पर काम करता है जिसका मतलब है सर्वसहमति यानि अगर कोई चाहता है कि वह किसी ब्लॉक में कोई बदलाव करे या एक नया ब्लॉक जोड़े तो उसे सारे nodes द्वारा approved होना पड़ेगा।
Blockchain में Invest कैसे करें
यह बात तो स्पष्ठ हो चुकी है कि आने वाले समय से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का दुनिया पर राज होने वाला है । ऐसे में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में इनवेस्ट करना एक फायदे का सौदा गया । ब्लॉकचेन में इन्वेस्टमेंट की बात करें तो सबसे पहले नाम आता है Bitcoin का जो कि पिछले कुछ सालों के बहुत लोकप्रिय हो चुका है । ऐसे में आप अगर आप Bitcoin में अपना पैसा लगाना चाहते हैं तो कई ऐसे प्लेट्फॉर्म्स जैसे Coindesk, ZebPay के जरिये Bitcoin खरीद सकते हैं । Bitcoin के अलावा कई अन्य alternative cryptocurrencies हैं जिनमे आप invest कर सकते हैं जैसे कि Altcoin, Litecoin.
निष्कर्ष
हालांकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक ऐसा टॉपिक है जो काफी जटिल है और किसी एक लेख द्वारा इसको पूरा कवर कर पाना थोड़ा मुश्किल है । लेकिन हमने इस आर्टिकल में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को आसान भाषा मे समझाने की कोशिश की है और उम्मीद है यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए कई सवालों के जवाब मिलें होंगे जैसे कि ब्लॉकचैन क्या है ,यह काम कैसे करता है और इसका फायदा क्या है ।
इसके अलावा हमने आपको यह भी बताया कि आप किस तरह से इस उभरते टेक्नोलॉजी में अपना पैसा इनवेस्ट कर सकते हैं । इस टॉपिक से जुड़ा हुआ आपके मन मे अगर कोई भी सवाल या विचार हो comment के जरिये हमसे जरूर share करियेगा, धन्यवाद।