19 वर्षीय Avani Lekhara ने Tokyo 2020 Paralympics के 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में, भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास बना दिया है।
भारत के लिए पैरा शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली ये पहली खिलाड़ी बन गयी हैं। इसके साथ ही पैरालंपिक में गोल्ड जितने वाली भारत की चौथी खिलाड़ी बन गईं हैं।
इसके पहले तैराकी में मुरली पेटकर (1972), भाला फेंक में देवेंद्र झाझरिया ( 2004 & 2016) और ऊँची कूद में मारियप्पन थांगवेलु (2016) ने गोल्ड मेडल अपने देश का नाम किया है।
Avani Lekhara Tokyo 2020 Paralympics में इस उपलब्धि के साथ-साथ एक और मुकाम हासिल किया है उन्होंने ने वर्ल्ड रिकॉर्ड 249.6 की बराबरी करते हुए इस स्वर्ण मेडल को अपने नाम किया है।
Avani Lekhara Tokyo 2020 Paralympics Gold medal
अवनि ने इस जीत के बाद कहा “मैं इस भावना का वर्णन नहीं कर सकती ” , मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं दुनिया के शीर्ष पर हूं।मैं बहुत खुश हूं कि मैं इसमें योगदान देने वाली व्यक्ति बन सकी। उम्मीद है कि अभी और भी कई मेडल आने बाकी हैं” !!
PM नरेंद्र मोदी ने उनको इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई देते हुए कहा है “अभूतपूर्व प्रदर्शन AvaniLekhara! आपके मेहनती स्वभाव और शूटिंग के प्रति जुनून के कारण संभव हुआ, कड़ी मेहनत और अच्छी तरह से योग्य स्वर्ण जीतने के लिए बधाई। यह वास्तव में भारतीय खेलों के लिए एक विशेष क्षण है। आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।
तो आइए आज इस आर्टिकल में अवनि लेखरा के इस सुनहरे सफर को विस्तार में जानते हैं।
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Avani Lekhara का जीवन परिचय
Avani Lekhara Tokyo 2020 Paralympics में gold medal जीतने वाली महान खिलाड़ी 8 नवम्बर 2001 को जन्मी। 19 वर्षीय अवनि का जन्म राजस्थान के जयपुर में हुआ था।
2012 में हुई एक घटना में उनके पुरे जीवन को बदल के रख दिया। महज़ 12 साल की उम्र में एक एक्सीडेंट की वजह से उन्हें पैरालिसिस का शिकार होना पड़ा। इस एक्सीडेंट के बाद अवनि बहुत टूट चुकी थी।
किसी से बात नहीं करती थी और एक्सीडेंट की वजह से बहुत कमजोर हो जाने के कारण कोई भी काम ठीक से नहीं हो पाता था। परिस्थितियां बहुत मुश्किल और कष्टदायक थीं लेकिन अवनी ने हार नहीं मानी।
2015 में अवनि में व्हीलचेयर पर शूटिंग करना चालू किया और महज 6 साल बाद अवनि ने वो कारनामा कर दिखाया जो हर एक खिलड़ी का सपना होता है – ओलंपिक गोल्ड!
अवनि बताती हैं कि अभिनव बिंद्रा उनके हीरो रहें हैं। अभिनव बिंद्रा की ऑटो बायोग्राफी- अ शॉट ऐट हिस्ट्री को पढ़कर अवनी बहुत प्रभावित हुईं और इस खेल के प्रति उनका समर्पण और भी बढ़ गया और आज अपने देश के लिए शूटिंग में पहला स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
आपको बता दें कि अभिनव बिंद्रा ने भी 2008 ले बीजिंग ओलिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। इस जित के बाद अभिनव बिंद्रा ने उनको बधाई देते हुए कहा “सोना है!
भारत को निशानेबाजी में पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक दिलाने के लिए Avani Lekhara का शानदार प्रदर्शन। बेहद गर्व! इतिहास में आपके शॉट के लिए बहुत-बहुत बधाई!”
Avani Lekhara Tokyo 2020|Career
2012 में हुई दर्दनाक घटना ने भले ही अवनी को व्हीलचेयर पर ला दिया हो लेकिन उनके जज्बे को नहीं झुका पाया।
अवनि ने 2015 से शूटिंग को अपना करियर बनाया और जगतपुरा स्पोर्ट काम्प्लेक्स,जयपुर से शूटिंग करना चालू किया। वो बतातीं हैं कि जब उन्होंने राइफल को अपने हाथ में पहली बार पकड़ा, तभी उनको एहसास ही गया था, कि यही मेरा करियर है।
लेकिन शुरुआती दौर में उनकी बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कमजोर हो जाने के कारण राइफल को उठाने में भी मुश्किलें होती थी। लेकिन अवनि ने कभी हार नही मानी और मेहनत करती गयी और ये मेहनत कुछ वक्त के बाद ही रंग लाने लगी।
अवनी लेखारा Achievements
◆ 2017 में अवनी ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईपीसी पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में सिल्वर पदक जीता। महज 2 साल के शूटिंग करियर में यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
◆ अवनी ने 2 साल बाद 2019 पैर शूटिंग वर्ल्ड कप में एक और सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
◆ और 2 साल बाद 2021 में एक बार फिर Avani Lekhara Tokyo 2020 Paralympics में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है |
Avani Lekhara SH1 केटेगरी में 10 मीटर एयर राइफल में शूटिंग करती है और हमें उम्मीद है आगे भी इस तरह से ही अपने देश का नाम रोशन करती रहेंगी।
Avani Lekhara Tokyo 2020 Paralympics में gold medal जीतने वाली महान खिलाड़ी हैं। जिनका जन्म राजस्थान के जयपुर में हुआ था। 12 साल की उम्र में उनका एक्सीडेंट हो गया था। लेकिन वो हिम्मत नहीं हरी।
अवनी का जन्म राजस्थान में हुआ था। वो जयपुर की रहने वाली है ।