Topics : Dark Web kya hota hai, Dark Web in Hindi, डार्क वेब क्या है, डार्क वेब काम कैसे करता है।
Dark web kya hota hai : Dark Web का नाम सुनते ही आपके मन मे क्या विचार आता है ? सबके मन मे लगभग एक ही बात आती होगी कि यह एक ऐसा जगह होगा जो अवैध चीज़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता होगा और जो आमतौर पर हमसे छुपा होगा ।
और यह बहुत हद तक ठीक भी है, डार्क वेब इंटेरनेट का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जिसका इस्तेमाल आजकल Drugs trafficking और Hacking जैसे अवैध कार्यों के लिए किया जाने लगा है ।
इसके अलावा वित्तीय जानकारी, शरीर के अंग और यहां तक लोगों को भी बेचने का काम डार्क वेब के जरिये किया जाता है । ऐसे में जब हम डार्क वेब के बारे में कहीं सुनते हैं तो हम मान लेते हैं कि यह खराब है और इसको बनाने वाले लोग भी अपराधी होंगे। लेकिन क्या यह सच है ?
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि डार्क वेब की खोज अमेरिका के खुफिया जासूसों के लिए गया था ताकि वो सुरक्षित ढंग से आपस में Communicate कर सके ।
Dark web को सुरक्षा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था और इसी का फायदा उठा कर गलत लोगो द्वारा इसका इस्तेमाल अवैध चीज़ों के लिए किया जाने लगा ।
लेकिन आज भी कई खुफिया एजेंसियों और पत्रकारों द्वारा इसका इस्तेमाल गोपनीय डंग से एक दूसरे से बात करने में किया जाता है ।
डार्क वेब एक ऐसी जगह है जहाँ visit करना भी खतरे से खाली नही है और इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि डार्क वेब है क्या और काम किस तरह करता है ?
आज इस लेख में हम इसी तरह के कई सवालों के साथ आये हैं जैसे Dark Web kya hota hai , यह काम कैसे करता है, क्या हमारे देश में यह illegal है? तो आइए बिना देर किए हुए इन सवालों के जवाबों की तरफ बढ़ते हैं।
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Dark Web क्या है ?
Dark Web ऐसे वेबसाइटों का एक समूह है जिन्हें Search engines जैसे कि Google,Yahoo, Bing आदि द्वारा Index नही किया जाता ।
आईये थोड़ा आसान भाषा मे समझते हैं: जब आप Google पर कुछ search करते हैं तो आपको कई सारे websites दिखाई देते हैं क्योंकि google ने उन वेबसाइटों को index किया होता है ।
ऐसी websites जो index हो जाती हैं और जिन्हें आप देख पाते हो , Surface Web के अंतर्गत आती हैं । वहीं Dark Web में वैसी websites शामिल होती हैं जो index नही होती है और इसलिए उन्हें आप देख नही पाते ।
आपको यह जानकर हैरानी होगी की इंटेरनेट पर Surface web के अंतर्गत केवल 4% websites ही आती हैं जिन्हें आप search कर पाते हैं , बाकी 96% वेबसाइट्स Dark web में शामिल हैं जिन्हें search नही किया जा सकता ।
इसके अलावा Dark Web, Surface web से लगभग 500 गुणा ज़्यादा बड़ा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इंटरनेट के एक कितने बड़े हिस्से से आप अनजान हैं ।
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Dark Web काम कैसे करता है ?
डार्क वेब Peer to Peer Connection के आधार पर काम करता है । इसका मतलब है कि डेटा एक डेटाबेस पर store नहीं है जैसे कि Surface Web पर ।
इसके बजाय, इसे पूरे नेटवर्क में हजारों अलग अलग कंप्यूटरों पर share किया जाता है, जिससे इसके source को उजागर करना मुश्किल हो जाता है।
यही कारण है कि डार्क वेब वेबसाइटों का उपयोग अक्सर अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है। कोई website पर गलत चीज़े बेच रहा है ,लेकिन यह जानने का कोई तरीका नहीं होता कि आपने उन चीज़ों को कहा से बेचा खरीदा जा रहा है ।
इसके अलावा, जब आप डार्क वेब का उपयोग करते हैं, तो आपका IP Address encrypt किया जाता है, और ऐसा ही उस वेबसाइट का भी होता है जिसे आप access कर रहे हैं ।
और यही वजह है जिसका फायदा गलत लोग उठा पाते हैं और बिना पड़के जाने के चिंता किये इन websites पर अपना काम करते हैं ।
आप तौर पर हम कुछ सर्च करने के लिए Chrome, FireFox , Mozilla जैसे browser का इस्तेमाल करते हैं । लेकिन Dark Web में मौजुद वेबसाइटों को access करने के लिए दूसरे तरह के browsers की जरूरत होती है जो कि सिर्फ Dark web के लिए ही बनाये गए हैं ।
इनमे से एक बहुत ही famous browser है Tor जिसका इस्तेमाल इन Dark Websites को access करने के लिए किया जाता है।
Dark Web काम कैसे करता है ?
डार्क वेब Peer to Peer Connection के आधार पर काम करता है । इसका मतलब है कि डेटा एक डेटाबेस पर store नहीं है जैसे कि Surface Web पर ।
इसके बजाय, इसे पूरे नेटवर्क में हजारों अलग अलग कंप्यूटरों पर share किया जाता है, जिससे इसके source को उजागर करना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि डार्क वेब वेबसाइटों का उपयोग अक्सर अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है।
कोई website पर गलत चीज़े बेच रहा है ,लेकिन यह जानने का कोई तरीका नहीं होता कि आपने उन चीज़ों को कहा से बेचा खरीदा जा रहा है ।
इसके अलावा, जब आप डार्क वेब का उपयोग करते हैं, तो आपका IP Address encrypt किया जाता है, और ऐसा ही उस वेबसाइट का भी होता है जिसे आप access कर रहे हैं ।
और यही वजह है जिसका फायदा गलत लोग उठा पाते हैं और बिना पड़के जाने के चिंता किये इन websites पर अपना काम करते हैं ।
आप तौर पर हम कुछ सर्च करने के लिए Chrome, FireFox , Mozilla जैसे browser का इस्तेमाल करते हैं । लेकिन Dark Web में मौजुद वेबसाइटों को access करने के लिए दूसरे तरह के browsers की जरूरत होती है जो कि सिर्फ Dark web के लिए ही बनाये गए हैं ।
इनमे से एक बहुत ही famous browser है Tor जिसका इस्तेमाल इन Dark Websites को access करने के लिए किया जाता है।
browser है जिसने Dark Web को accessible बनाया । बहुत से लोग जो डार्क वेब का उपयोग करते हैं, Tor Browser के मदद से ही करते हैं । और इसका मुख्य वजह है Tor की security।
Tor का मतलब होता है The Onion Routing Project जिसे US Navy द्वारा विकसित किया गया था । इसे 2004 में जनता के लिए उपलब्ध कराया गया था।
टोर ब्राउज़र Google Chrome, FireFox जैसे अन्य browser से अलग है क्योंकि यह आपके डिवाइस से वेब तक direct route का इस्तेमाल नही करता ।
इसके बजाय, टोर encrypted serversका उपयोग करता है जिन्हें Nodes के रूप में जाना जाता है। Dark web भी blockchain की तरह ही एक decentralized network नेटवर्क है जिससे इसकी security और भी मजबूत हो जाती है ।
Decentralization एक ऐसा concept है जिसपर ब्लॉकचेन और web 3.0 जैसे तकनीक भी आधारित हैं ।अगर आपको नही पता कि Blockchain Technology क्या है और Web 3.0 क्या है तो आप इसे गूगल कर सकते हैं।
Deep Web, Dark Web और Surface Web Tor Browser क्या है
Tor Browser पहला ऐसा आप इंटरनेट पर जो भी चीज़े सर्च करते हैं उन्हें हैं तीन हिस्सों में बांट सकते हैं : Deep Web, Dark Web और Surface Web!
1. Deep Web :
यह इंटेरनेट पर मौजूद उन सारे चीज़ों का समूह है जिन्हें search engines द्वारा index नही किया जाता है । Dark web वेबसाइटों को Deep web में शामिल किया जाता है , लेकिन डीप वेब में Database , web page ,पंजीकरण के लिए आवश्यक web forums और कई untracked इंटेरनेट communication भी शामिल हैं ।
2. Dark Web :
डार्क वेब उन वेब पेजों से बना है जिन्हें सर्च इंजन द्वारा ट्रैक या index नहीं किया जा सकता है, साथ ही एक encrypted network पर मौजूद होती हैं ।
3. Surface Web :
यह इंटेरनेट का वह हिस्सा है जो search engines द्वारा index किया जाता है और जिन्हें आप search कर सकते हैं । यह encrypted network द्वारा कुछ भी नही होता और सारा डाटा एक database में store किया जाता है।
Dark web पर क्या होता है
2016 में आई एक रिपोर्ट में पाया गया कि डार्क वेब पर आने वाले लोग बंदूकें, ड्रग्स, नकली धन, अन्य लोगों के नेटफ्लिक्स खाते, क्रेडिट कार्ड नंबर और बहुत कुछ खरीद बेच सकते हैं ।
आप ऐसे सॉफ़्टवेयर भी ढूंढ सकते हैं जिनका उपयोग आप अन्य लोगों के कंप्यूटर तक पहुँचने के लिए कर सकते हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल कई अच्छे मामलों में भी किया जाता है जैसे कि किसी देश के जासूसों और पत्रकारों द्वारा किसी secret mission के लिए आपस मे बातचीत करने के लिए ।
क्या Dark Web को इस्तेमाल करना गैरकानूनी है ?
हालांकि Dark Web का इस्तेमाल करना गैरकानूनी नही क्योंकि यह भी इंटरनेट का ही एक हिस्सा है जिसे आप किसी Browser द्वारा इस्तेमाल करते हैं लेकिन Dark Web द्वारा की जा रही कई गतिविधियां जरूर गैरकानूनी हैं जिनसे आपको बचना चाहिए ।
Dark Web पर चल रही Legal और illegal गतिविधियों के बीच एक बहुत ही पतली लाइन होती हौ जिसका आपको ध्यान रखना चाहिए ।Dark Web के मामले में मेरी राय तो यही है कि आप जितना इससे दूर रहे उतना ही आपके लिए अच्छा है ।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल के हमने आपको Dark Web के बारे में विस्तार से बताया जैसे कि Dark Web kya hota hai, यह कैसे काम करता है और इसका इस्तेमाल क्यो किया जाता है ।
Dark web एक ऐसी जगह है जिसका इस्तेमाल कई तरह के अवैध कामो के लिए किया जाता है और इसको access करना भी आपके लिए बहुत खरतनाक हो सकता है ।
इसलिए जरूरी है कि आप Dark Web में चल रहे गलत गतिविधियों के बारे में जानें और इससे जितना दूर हो सके रहने का प्रयास करें ।
धन्यवाद