Topics: Web 3.0 क्या है(Web 3.0 kya hai), web 3.0 meaning in Hindi, web 3.0 vs web 2.0, web 3.0 examples
Web 3.0 kya hai : अगर आप भी तकनीक और इंटरनेट संबधी विषयों में रुचि रखते हैं तो आपने Web 3.0 के बारे में जरूर सुना होगा । पिछले कुछ दिनों से web 3.0 को लेकर काफी बातें भी हो रही हैं लेकिन जब आप गूगल या यूट्यूब पर इसे सर्च करते हैं तो आपको हिंदी में web 3.0 के बारे में सटीक जानकारी नही मिलती।
हर कोई इसके बारे में अपनी अपनी बात रखते हुए नजर आता है । कोई कहता है कि वेब 3.0 है ही नही तो कोई कहता है कि यह आने वाला है वहीं कई लोगो का कहना है कि यह आ चुका है ।
यह बात यो स्पष्ट है कि Web 3.0 इंटेरनेट का भविष्य होने वाला है लेकिन इसको लेकर लोगो के मन मे कई सवाल भी उठ रहे हैं जैसे कि Web 3.0 क्या है, Web 3.0 कब आएगा और यह किस तरह से इंटरनेट की दुनिया को बदल देगा?
तो इन्ही सब सवालों के जवाब लेकर आज हम इस आर्टिकल को लिख रहे हैं। और उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके मन मे Web 3.0 को लेकर जो भी सवाल है उसका उत्तर मिल जाएगा।
Read Also: योगी और मोदी का Wallpaper कैसे हटाएं – UP Free Tablet Yojna 2021-22
Web 3.0 क्या है–Web 3.0 kya hai
जिस तरह से स्कूल में standard होती है ठीक उसी तरह से वेब का भी version होता है। वेब को हम तीन versions में बांट सकते हैं Web 1.0, Web 2.0 और Web 3.0।
1990 में Tim Berners-Lee ने वेब का अविष्कार किया था जिसके बाद उसे Web 1.0 नाम दिया गया। लेकिन कुछ सालों बाद ही वेब और विकसित हुआ और Web 2.0 अस्तित्व में आया।
आजकल हम जिस वेब का अनुभव करते हैं वह भी Web 2.0 है। Facebook, Instagram, Twitter, Wikipedia ये सभी वेब 2.0 के अंतर्गत ही आते हैं। लेकिन अब धीरे धीरे हम वेब के नए और वर्जन Web 3.0 की ओर बढ़ रहे हैं।
Web 3.0 वेब की एक आगामी generation है जो वेबसाइटों और एप्स को Artificial Intelligence और Blockchain Technology की मदद से सूचनाओं का आदान प्रदान करने में मदद करेगी। यह Web 2.0 से ज़्यादा सुरक्षित, मजबूत और खुली होगी। Web 3.0 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह विकेन्द्रित (decentralized) होगी।
Decentralization का मतलब आप एक उदाहरण से समझिए – आप सभी Facebook और Instagram तो जरूर इस्तेमाल करते होंगे। आप इन प्लेटफॉर्म्स पर जब कोई Data share करते हैं (जैसे फ़ोटो, विडीयो) उसके बाद उस data पर इन कंपनियों का अधिकार हो जाता है।
वो चाहे तो आपके data को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं या उसको हटा भी सकते हैं। इसको centralization भी कह सकते हैं जहाँ आपको एक कंपनी control कर रही है । लेकिन वेब 3.0 में ऐसा नही होगा , इसमें आप अपने data और content के मालिक खुद होंगे।
Blockchain Technology की तरह ही Web 3.0 में आपका डाटा किसी एक सर्वर पर Depend नही होगा बल्कि आपके अपने नेटवर्क पर स्टोर रहेगा।
Read Also: Gmail ID कैसे बनायें | Gmail Account बनाने का नया तरीका 2022
Web 3.0 के फायदे
इंटरनेट के दुनिया मे हमने कुछ दशकों में काफी विकास किया है । केवल 30 सालों में web 1.0 से लेकर web 3.0 तक का सफर भी कमाल का रहा है।
Web 1.0 ने हमें इंटरनेट के जरिये एक दूसरे से जुड़ने की क्षमता को पहचाना । Web 2.0 के जरिये हम इस सफर में और आगे बढ़े लेकिन यहाँ हमें किसी भी काम के किसी अन्य संगठन पर निर्भर होना पड़ता है ( जैसे ईमेल भेजने के लिए गूगल के सर्विस जीमेल पर)।
और अब Web 3.0 इंटरनेट पर हमारे अनुभव को और अधिक सुरक्षित, मजबूत और खुला बनाने वाला है । Web 3.0 के कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार से हैं :
1.एंटी-मोनोपॉली : Web 2.0 में कई कंपनियों जैसे कि गूगल और फेसबुक का मोनोपोली देखने को मिलता है । मोनोपॉली का मतलब है एकाधिकार, आप गूगल को ही ले लीजिए आजकल हर कोई ईमेल करने के लिए सिर्फ जीमेल का ही इस्तेमाल कर रहा है जो कि गूगल का एक प्रोडक्ट है ।
ऐसे में इस क्षेत्र में गूगल का एकाधिकार है और हम सब इसके लिए गूगल पर निर्भर हैं । लेकिन Web 3.0 में ऐसा नही होगा, यहां कोई एक कंपनी नही होगी जिसका एकाधिकार चल सके बल्कि एक Decentralized System होगा जिसका कंट्रोल सबके हाथों में होगा ।
2.सुरक्षित नेटवर्क : चूंकि आपका डाटा किसी एक सर्वर पर निर्भर नही होगा बल्कि ब्लॉकचैन की तरह अलग अलग नेटवर्क पर store रहेगा, हैकर्स के लिए आपका डाटा trace कर पाना बहुत मुश्किल होगा।
3.आपके पास होगा आपके डाटा का अधिकार : Web 3.0 में आपके डाटा का पूरा स्वामित्व आपके पास होगा जो कि अभी नही होता है । web 2.0 जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जब आप कोई डाटा या कंटेंट शेयर करते है तो उस पर उन कंपिनयों का अधिकार हो जाता है जिसका वो अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन web 3.0 में आपके कंटेंट पर सिर्फ आपका ही अधिकार होगा।
4. Artificial Intelligence पर आधारित : Web 3.0 की एक मुख्य खासियत होगी इसका Artificial Intelligence (AI) पर आधारित होना। अभी जब आप गूगल में किसी शब्द या वाक्य को सर्च करते हैं तो गूगल उन शब्दो के आधार पर आपको रिजल्ट शो करता है ना कि उस वाक्य या शब्द के मतलब को समझ कर। लेकिन वेब 3.0 में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर्स इंसानों की तरह शब्दों का मतलब समझते हुए उसका result शो करेंगे।
Web 3.0 के उदाहरण
चूंकि web 3.0 एक ऐसा कांसेप्ट हैं जिसपर अभी बहुत रिसर्च होना बाकी है इसलिए इसका कोई सटीक उदाहरण देना थोड़ा मुश्किल है । लेकिन कई बड़ी कंपनियां जैसे Apple, Meta ने धीरे धीरे कर के web 3.0 को अपनाना शुरू कर दिया है । web 3.0 के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
1.Apple’s Siri और Google Assistant: आप सब ने apple के एक app Siri का नाम तो जरूर सुना होगा या फिर आपने google assistant का इस्तेमाल जरूर किया होगा। ये दोनों ही voice recognition softwares हैं जो कि आपके voice को समझ कर AI और Machine learning की मदद से आपको नतीजे दिखाते हैं। voice recognition भी web 3.0 की ही एक कड़ी है जिसकी मदद से machines आपसे बात कर सकते हैं।
2. Wolfram Alpha: Wolfram Alpha एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर आप किसी भी प्रकार का प्रश्न पूछ सकते हैं जिसका आपको एक सटीक जवाब मिल जाता है। wolfram alpha web 3.0 का इस्तेमाल कर के वेब से data इक्कट्ठा करता है और जब आप कोई सवाल टाइप करते हैं तो उस data और information का इस्तेमाल कर के आपको एक सटीक जवाब दिखाता है।
Web 3.0 कब आएगा
Web 3.0 के बारे में इतना कुछ जानने के बाद आपके मन मे यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर Web 3.0 की शुरुआत कब होगी ? तो मैं बताना चाहूंगा कि Web3.0 आने वाला नही है बल्कि आ चुका है।
वैसे तो इसका इसका 2 दशक पहले ही लगा लिया गया था। लेकिन जिस तरह वेब 2.0 को अपनाने में थोड़ा समय लगा वैसे ही Web 3.0 को धीरे धीरे अपना लिया जाएगा।
कई बड़े संगठन जैसे कि Google, Apple, Meta धीरे धीरे Web 3.0 को अपनाने की तरफ बढ़ रहे हैं और आने वाले कुछ सालों में इसके और भी उदाहरण देखने को मिलेंगे । फिलहाल हमलोग समकालिक रूप से Web 2.0 और Web 3.0 दोनों का इस्तेमाल कर रहे हैं । आपके घरों और उपकरणों को वेब के साथ जोड़ना ( जैसे कि Alexa ) भी एक तरह से web 3.0 के आगाज का उदाहरण है।
WWW–वर्ल्ड वाइड वेब (वेब) का विकास
अगर आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो आप भी आधुनिक वेब के साथ जुड़े हुए हैं लेकिन क्या आपको पता है आप अभी जिस वेब का अनुभव कर रहे हैं उसे Web 2.0 कहा जाता हैं और यह 20 साल पहले के तुलना में बहुत अलग है । वेब पिछले कुछ दशकों में बहुत विकसित हुआ है, और आज इतना विकसीत हो चुका है कि इसे इसके शुरुआती दिनों से लगभग पहचाना नही जा सकता।
आज आप जिस वेब का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें आप दुनिका के किसी भी कोने से लोगो के साथ interact कर सकते हैं लेकिन आज से तीस साल पहले लोगो ने इसकी कल्पना भी नही की होगी । ठीक उसी तरह आज हम उस कगार पर खड़े जहा से हमारा Web 3.0 का सफर शुरू होने वाला है जो कि आज के Web 2.0 से कही अधिक आधुनिक,उन्नत और सुरक्षित होगा।
1990 में जब टीम बर्नर्स ली ने www (world wide web) का अविष्कार किया तब इंटेरनेट को एक नई गति मिल गई। www ने इंटरनेट को एक वेब address में व्यवस्थित कर दिया जिसके बाद ही Web1.0 अस्तित्व में आया जिसने लोगो को इंटरनेट पर डेटा का आदान प्रदान करने में सक्षम बनाया।
यह उस वक्त के लोगो के लिए किसी सपने से कम नही था। Web 1.0 में वेब आज कल के वेब से बहुत अलग हुए करता था। तब सिर्फ text के रूप में जानकारियां मिलती थी जिसको read-only भी कहते थे।
लेकिन कुछ सालों बाद ही वेब को social और interactive बनाने की कोशिश में Web 2.0 अस्तित्व में आया जिसे आज हमलोग इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन धीरे धीरे हम अब web 3.0 की ओर बढ़ रहे हैं और उम्मीद है आने वाले कुछ सालों में हम पूरी तरह से इसे अपना लें।
Web 1.0 , Web 2.0 और Web 3.0 का evolution कुछ इस प्रकार से है:
Web 1.0 ( 1990-2004)
- यह वेब का पहला version था जिसने लोगो को इंटरनेट के क्षमता के बारे में बताया।
- सूचना केवल टेक्स्ट के रूप में होती थी जिसे आप सिर्फ पढ़ सकते थे । आप न ही उसे share कर सकते थे और ना ही उसपर comment के जरिये अपना विचार रख सकते थे
- User interaction ना के बराबर था ।
Web 2.0 ( 2004 – अभी तक )
- वेब 2.0 में वेबसाइट्स dynamic होने लगी जैसे कि e-commerce, social media, blogs जहां पर information को बार बारupdate किया जा सकता है । जो कि web 1.0 में नही होता था ।
- Facebook, Instagram, Youtube, Twitter जैसे प्लेटफॉर्म्स आये जिससे लोगो के बीच connectivity बढ़ी ।
- JavaScript, HTMl, CSS3 Python जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आये जिससे वेबसाइट और भी ज़्यादा dynamic होने लगे ।
- User interaction बढ़ा
Web 3.0 ( अभी से – भविष्य)
- Web 3.0 में ऐसे वेबसाइट्स होंगे जो AI, Machine Language और Blockchain जैसे टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगे ।
- विकेंद्रीकरण ( decentralization) को बढ़ावा मिलेगा जिसमे किसी एक कंपनी के पास पूरा अधिकार नही होगा। आपको अपने data पर पूर्ण अधिकार होगा जिसके इस्तेमाल कोई और संगठन नही कर पायेगी ।
Web 3.0 : FAQs:
Web 3.0 वेब का तीसरा संस्करण है जो Blockchain technology और Artificial Intelligence की मदद से इंटेरनेट के इस्तेमाल को और अधिक आधुनिक और आसान बनाएगी। Web 3.0 एक decentralized web होगी जिसमें आपका डाटा किसी एक सर्वर या कपंनी के पास ना हो कर आपके कंप्यूटर नेटवर्क पर होगा।
Web 3.0 की शुरआत हो चुकी है और कई ऐसे बड़े संगठन है जो इसे पूरी तरह से अपनाने पर काम कर रहे हैं । आने वाले समय मे हैं हम web 3.0 का अनुभव करने वाले हैं।
Cryptocurrencies की तरह Web 3.0 भी Blockchain Technology पर आधारित होगी जिसमें आपका data किसी एक सर्वर पर store ना होकर अलग अलग नेटवर्क में बटा होगा । इसका मतलब आपके डाटा का पूरा राइट आपके पास होगा ना कि किसी दूसरे सर्वर या कंपनी के पास।
Apple Siri, Alexa , Google Assistant आदि को Web 3.0 के शुरुआती उदाहरण कह सकते हैं जो AI और voice recognition का इस्तेमाल कर के आपको रिजल्ट देते हैं।
Web 2.0 वेब का दूसरा संस्करण है जिसकी शुरुआत 2004-5 से हुई और आज तक हमलोग इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं । Facebook, Instagram, Youtube, Twitter जैसे प्लेटफॉर्म्स Web 2.0 के अंतर्गत ही आते हैं ।
यहां तक कि हमारा यह ब्लॉग भी web 2.0 के अंतर्गत आता है जहाँ पर यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं । आप हमारे इस ब्लॉग पर comment के जरिये अपना राय भी व्यक्त कर सकते हैं साथ ही अपने दोस्तों के साथ share भी कर सकते हैं जो की आप web 1.0 में नही कर सकते थे ।
1 Comment
वेब 3.0, आज की तरीक का सबसे चर्चित नाम है। आपका पोस्ट बहुत ही अच्छा है।